Thursday, October 9, 2008

राम बने मिटटी के माधो

जला रहे कागज़ के पुतले
रावण अब भी जिंदा है।
राम बने मिटटी के माधो
रामायण शर्मिंदा है ।।
उलट फेर के इस युग में
ahsaas samandar apnaa है ।
आंखों का पानी सूखा है
जीवन soona sapnaa है ।।

No comments: