सभी बुद्धिमान मनुष्य अपने आप को दुनिया के अनुरूप ढाल लेते हैं । सिर्फ़ कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दुनिया को अपने अनुरूप बनाने में लगे रहते हैं । दुनिया में सारी तरक्की इन दूसरे तरह के लोगों पर ही निर्भर होती है ,जो हमेशा कुछ नया परिवर्तन लाने में लगे रहते हैं।
--बर्नार्ड शा
फिर हम क्यूँ माने किसी की बात!
1 week ago
1 comment:
क्या बात कही है. आभार.
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