जज्बातों का मोल न हो तो चुप रहना ही बेहतर है
शबनम की बेकद्री करना अंगारों की फितरत है।
शिकवा क्या उल्फत भी कैसी आँखों में अब नमी कहाँ
शतरंजी बिसात के तेवर शह भी तो है मात यहाँ ।
CLARION CALL
जज्बातों का मोल न हो तो चुप रहना ही बेहतर है
शबनम की बेकद्री करना अंगारों की फितरत है।
शिकवा क्या उल्फत भी कैसी आँखों में अब नमी कहाँ
शतरंजी बिसात के तेवर शह भी तो है मात यहाँ ।